जोड़ों का दर्द क्यों होता है? जानिए जॉइंट पेन होने का कारण, लक्षण और असरदार आयुर्वेदिक इलाज। घरेलू नुस्खे और योगासन से पाएं तुरंत राहत। आयुर्वेद में जॉइंट पेन को मुख्य रूप से वात दोष की वृद्धि से जोड़ा जाता है। साथ ही असंतुलित खानपान, गलत जीवनशैली और बढ़ती उम्र भी इसके बड़े कारण हैं।
वर्तमान में भाग-दौड़ भरी जिंदगी में जॉइंट पेन (Joint Pain) यानी संधि वाता या जोड़ो का दर्द एक आम समस्या बन गई है। यह समस्या केवल बुजुर्गों में ही नहीं, बल्कि युवाओं में भी देखने को मिल रही है। घुटने, कोहनी, कंधे, टखने या कलाई जैसे जोड़ जब दर्द करने लगते हैं तो चलना-फिरना और सामान्य गतिविधियाँ भी कठिन हो जाती हैं।
आयुर्वेद में जॉइंट पेन को मुख्य रूप से वात दोष की वृद्धि से जोड़ा जाता है। साथ ही असंतुलित खानपान, गलत जीवनशैली और बढ़ती उम्र भी इसके बड़े कारण हैं। जॉइंट पेन होने का कारण और आयुर्वेदिक इलाज के इस लेख में हम जानेंगे –
जॉइंट पेन होने का कारण
जॉइंट पेन होने का कारण लेख में हम जानेंगे कि जोड़ों में दर्द किन – किन वजहों से हो सकता है। प्रमुख कारण इस प्रकार हैं –

1. वात दोष का बढ़ना
आयुर्वेद के अनुसार जब शरीर में वात दोष बढ़ता है, तो यह संधियों (joints) में जाकर सूजन, दर्द और जकड़न पैदा करता है।
2. कैल्शियम और विटामिन D की कमी
इससे हड्डियाँ और जोड़ कमजोर हो जाते हैं जिससे दर्द और सूजन होने लगती है।
3. आर्थराइटिस (Arthritis)
ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी बीमारियाँ जोड़ों के दर्द का प्रमुख कारण होते हैं।
4. चोट या चोटिल जोड़
किसी दुर्घटना या खेल-कूद के दौरान चोट लगने से भी जोड़ों में दर्द लंबे समय तक बना रहता है।
5. खानपान की गड़बड़ी
अधिक तेल-मसालेदार भोजन, जंक फूड, तली-भुनी हुई चीजें और अधिक ठंडा पानी पीना भी जोड़ो में दर्द लाता है।
6. गलत जीवनशैली
लंबे समय तक बैठे रहना, एक्सरसाइज न करना, अत्यधिक मोटापा और गलत बैठने की आदत से भी जोड़ो में दर्द उत्तपन्न करता है।
7. अत्यधिक थकान और स्ट्रेस
शरीर में थकान और मानसिक तनाव भी जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकता है।
जॉइंट पेन होने के लक्षण

- चलने-फिरने में कठिनाई का होना
- सुबह उठते समय शरीर में अकड़न आना
- जोड़ों में लगातार दर्द या जलन महसूस होना
- सीढ़ियाँ चढ़ते-उतरते समय घुटनों में दर्द का होना
- जोड़ों में सूजन और गर्माहट होना
- जोड़ से खटखटाहट या आवाज का आना
जॉइंट पेन होने का कारण और आयुर्वेदिक इलाज
आयुर्वेद में जॉइंट पेन (Joint Pain) के इलाज के लिए औषधियाँ, पंचकर्म, तेल मालिश और आहार-विहार का विशेष महत्व बताया गया है।
1. आयुर्वेदिक औषधियाँ
A. अश्वगंधा (Ashwagandha)
- यह जोड़ों का दर्द और सूजन को कम करता है।
- शारीरिक क्षमता को बढ़ाया जाता है।
B. गुग्गुल (Guggulu)

- यह वात और कफ को संतुलित करके सूजन को घटाती है।
- यह आर्थराइटिस और जोड़ो के दर्द में भी लाभकारी होती है।
C. हड़जोड़ा (Cissus Quadrangularis)
- यह हड्डियों और जोड़ो को मजबूत करती है और दर्द में भी लाभकारी है।
D. शल्लकी (Boswellia Serrata)
- यह प्राकृतिक दर्द निवारक है और सूजनरोधी जड़ी-बूटी भी है।
E. दशमूल चूर्ण
- यह वात दोष को संतुलित करके दर्द को कम करता है।
2. घरेलू नुस्खे
A. गर्म तेल की मालिश
- सरसों या तिल के तेल में लहसुन डालकर गर्म करके मालिश करने से आराम मिलता है।
B. मेथी दाना
- सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ मेथी के दाने खाने से जोड़ों की सूजन में आराम मिलता है।
C. अजवाइन का पानी
- अजवाइन को उबालकर पानी पीने से शरीर का वात संतुलित होता है और दर्द कम होता है।
D. हल्दी और दूध
- रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से सूजन और दर्द दोनों कम होते है।
E. अदरक और लहसुन
- इन दोनों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इन्हें भोजन में नियमित रूप से शामिल करें।
3. पंचकर्म थेरेपी

A. अभ्यंग (Ayurvedic Oil Massage)
- इसमें गर्म औषधीय तेल से मालिश करके दर्द और अकड़न को कम की जाती है।
B. बस्ति (Medicated Enema)
इसमें वात दोष को संतुलित करने के लिए आयुर्वेदिक औषधि द्वारा एनिमा देना।
C. स्वेदन (Steam Therapy)
- इसमें जड़ी-बूटियों की भाप से जोड़ो की सूजन और कठोरता को कम किया जाता है।
D. जनु बस्ती (Janu Basti)
- यह घुटनों पर औषधीय तेल का उपचार है।
जॉइंट पेन में आहार और जीवनशैली
जॉइंट पेन होने का कारण लेख में हम जानेंगे कि अपने दैनिक जीवन में भोजन और जीवन शैली कैसी होनी चाहिए।
1. आहार (Diet)
- हरी सब्जियाँ, मौसमी फल, दालें और अनाज का सेवन करें।
- दूध, दही, छाछ और हड्डियों को मजबूत करने वाले कैल्शियम युक्त पदार्थ का सेवन करें।
- हल्दी, अदरक, लहसुन, मेथी और दालचीनी का उपयोग करें।
- तैलीय, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक और अत्यधिक मीठी चीजे खाने से बचें।

2. जीवनशैली (Lifestyle)
- प्रतिदिन एक्सरसाइज और योग करें।
- प्रतिदिन प्राणायाम करें। जैसे – अनुलोम विलोम, भ्रामरी और कपालभाति लाभकारी हैं।
- रात में 7 से 8 घंटे नींद लें और तनाव से बचें।
- अधिक देर तक एक ही मुद्रा में न बैठें।
- वजन को नियंत्रित रखें।
जॉइंट पेन में लाभकारी योगासन
- सुखासन और प्राणायाम – यह मानसिक शांति और तनाव को कम करता है।
- वज्रासन – यह पाचन तंत्र और घुटनों को मजबूत करने में सहायक होता है।
- त्रिकोणासन – यह शरीर को लचीला बनाता है और दर्द को कम करता है।
- ताड़ासन – यह रीढ़ और पैरों के जोड़ो को मजबूत करता है।

निष्कर्ष :
जॉइंट पेन होने का कारण को सही खानपान, नियमित योग और युर्वेदिक औषधियों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। जॉइंट पेन होने का कारण को सही करने के लिए अश्वगंधा, गुग्गुल, शल्लकी जैसी जड़ी-बूटियाँ और पंचकर्म थेरेपी बेहद लाभकारी सिद्ध होती हैं। अगर दर्द लगातार बना रहे तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है।
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